The shiv chalisa in hindi Diaries
The shiv chalisa in hindi Diaries
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ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
अर्थ: हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। Shiv chaisa आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
ब्रह्म – कुल – वल्लभं, सुलभ मति दुर्लभं, विकट – वेषं, विभुं, वेदपारं ।
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद Shiv chaisa नहिं पाई॥
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा किया